Grading meaning and type



ग्रेडिंग एक शैक्षणिक प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से शिक्षार्थियों के ज्ञान, समझ, कौशल और प्रदर्शन का व्यवस्थित मूल्यांकन किया जाता है। यह न केवल छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों को मापने का एक साधन है, बल्कि यह शिक्षा प्रक्रिया की गुणवत्ता, प्रभावशीलता और प्रासंगिकता को दर्शाने वाला एक दर्पण भी है।

ग्रेडिंग केवल मात्रात्मक मूल्यांकन का उपकरण नहीं है, बल्कि यह छात्र की वैचारिक परिपक्वता, आलोचनात्मक सोच, रचनात्मक अभिव्यक्ति और विषय-वस्तु की समझ को पहचानने की एक प्रक्रिया है। विशेष रूप से उन विषयों में जहाँ उत्तरों की विविध व्याख्याएं संभव होती हैं, वहाँ ग्रेडिंग की भूमिका उत्तरों की गहराई, तर्कशक्ति, प्रस्तुति शैली और मौलिकता पर आधारित होती है।

ग्रेडिंग प्रणाली शिक्षण और अधिगम के बीच संवाद को सशक्त बनाती है। यह विद्यार्थियों को आत्मचिंतन हेतु प्रेरित करती है और उन्हें यह जानने में सहायक होती है कि वे किस स्तर पर हैं और किस दिशा में प्रगति करनी है।

हालाँकि, यह भी स्वीकार किया गया है कि ग्रेडिंग प्रणाली में कुछ अंतर्निहित सीमाएँ हैं। रचनात्मकता, भावनात्मक बुद्धिमत्ता, और सामाजिक-सांस्कृतिक संवेदनशीलता जैसे गुणों को मात्र अंकों या ग्रेड्स के माध्यम से पूर्णतः नहीं आँका जा सकता। अतः एक न्यायसंगत मूल्यांकन के लिए शिक्षकों को ग्रेडिंग के साथ-साथ गुणात्मक प्रतिक्रिया और संवादात्मक मूल्यांकन पद्धतियों को भी अपनाना चाहिए।

निष्कर्षतः, ग्रेडिंग एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक प्रक्रिया है, जो छात्र के शैक्षणिक जीवन की दिशा को निर्धारित करने में सहायक होती है। परंतु यह आवश्यक है कि ग्रेडिंग को केवल औपचारिकता के रूप में नहीं, बल्कि एक ऐसा उपकरण माना जाए जो छात्रों की समझ, दृष्टिकोण और बौद्धिक विकास को प्रोत्साहित करता है।



🌟 1. लेटर ग्रेडिंग प्रणाली (Letter Grading System)

परिभाषा: इसमें अंक के बजाय अक्षरों के रूप में प्रदर्शन को दर्शाया जाता है।

उदाहरण:

  • एक छात्र ने गणित परीक्षा में 85 अंक प्राप्त किए।
    ⇒ उसे A2 (बहुत अच्छा) ग्रेड मिलेगा।

  • यदि किसी छात्र को 45 अंक मिलते हैं,
    ⇒ तो उसे C2 (सामान्य से कम) ग्रेड मिलेगा।


🌟 2. प्रतिशत आधारित ग्रेडिंग (Percentage-Based Grading)

परिभाषा: इसमें छात्रों को उनके प्राप्त प्रतिशत के आधार पर ग्रेड दिए जाते हैं।

उदाहरण:

  • छात्रा रीमा को विज्ञान में 93% अंक मिले।
    ⇒ तो उसे A1 ग्रेड मिलेगा।

  • छात्र राहुल को इतिहास में 38% मिले।
    ⇒ उसे D (न्यूनतम उत्तीर्ण) मिलेगा।


🌟 3. मास्टरी ग्रेडिंग (Mastery Grading)

परिभाषा: इसमें यह देखा जाता है कि छात्र ने किसी कौशल या विषय को पूरी तरह सीखा है या नहीं।

उदाहरण:

  • कंप्यूटर कोडिंग की कक्षा में
    यदि छात्रा सीमा प्रोग्रामिंग के सारे कौशल में निपुण है,
    ⇒ तो उसे Mastered माना जाएगा।

  • वहीं यदि छात्र देव को अभी अभ्यास की आवश्यकता है,
    ⇒ तो उसे Not Yet Mastered लिखा जाएगा।


🌟 4. नरेटिव ग्रेडिंग (Narrative Grading)

परिभाषा: इसमें अंक या ग्रेड के बजाय विस्तृत लिखित टिप्पणी दी जाती है।

उदाहरण:

  • "अनु ने परियोजना कार्य में गहरी समझ और रचनात्मकता दिखाई है। टीमवर्क में भागीदारी सराहनीय रही।"
    ⇒ इससे छात्र को यह जानने में मदद मिलती है कि वह किन क्षेत्रों में अच्छा कर रहा है और कहाँ सुधार की जरूरत है।


🌟 5. पास/फेल प्रणाली (Pass/Fail Grading)

परिभाषा: इसमें छात्रों को केवल उत्तीर्ण (Pass) या अनुत्तीर्ण (Fail) घोषित किया जाता है।

उदाहरण:

  • छात्रा स्नेहा को अंग्रेजी में 42 अंक मिले।
    ⇒ उसे Pass घोषित किया गया।

  • छात्र सूरज को मात्र 28 अंक मिले।
    ⇒ उसे Fail घोषित किया गया।


🌟 6. रेटिंग स्केल ग्रेडिंग (Rating Scale Grading)

परिभाषा: इसमें मूल्यांकन एक निश्चित संख्यात्मक स्केल (जैसे 1 से 5) पर किया जाता है।

उदाहरण:

  • छात्रा प्रिया की प्रस्तुति पर शिक्षक ने उसे 5 में से 4 अंक दिए।
    ⇒ मतलब "बहुत अच्छा"।

  • छात्र नीरज को 5 में से 2 अंक दिए गए।
    ⇒ इसका अर्थ "सामान्य" प्रदर्शन है।


🌟 7. सीजीपीए/जीपीए प्रणाली (CGPA/GPA System)

परिभाषा: यह प्रणाली अंकों का औसत ग्रेड पॉइंट (0–10 या 0–4 पैमाना) में दर्शाती है।

उदाहरण:

  • छात्रा रिया को सेमेस्टर के अंत में 9.2 CGPA मिला।
    ⇒ यह A+ ग्रेड को दर्शाता है।

  • छात्र दीपक को 6.5 CGPA मिला।
    ⇒ वह B ग्रेड के अंतर्गत आएगा।


निष्कर्ष (Conclusion):

ग्रेडिंग प्रणाली केवल अंकों का खेल नहीं है, बल्कि यह छात्रों के प्रदर्शन की गहराई से समझ प्रदान करती है। हर प्रकार की ग्रेडिंग का उद्देश्य विद्यार्थियों को स्वयं की योग्यता को जानने, सुधार करने, और प्रगति की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करना है।

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